【17】मन्त्र-ज्ञान-ध्यान💫
2020-08-26 16:00:55
ॐ आनन्दमय ॐ शान्तिमय 🌹 *सन्त वाणी* 🌹 *किसी भी परिस्थिति में बुरा संग नही करना चाहिये* 🙏🏻🌹🙏🏻 बुरे संग से सदा दूर रहो, बुरा संग बुरे मनुष्य का ही नहीं होता, बुरी जगह, बुरा अन्न, बुरा ग्रंथ, बुरा दृश्य, बुरी बात, बुरा वातावरण आदि भी बुरे संग है। *लगातार के बुरे संग से बुरे परमाणुओं के द्वारा अंदर के अच्छे परमाणु जब दब जाते हैं। तब बुरी बातें स्वभाविक ही अच्छी मालूम होने लगती हैं। जैसा मन होता है, वैसी ही दृष्टि होती है और जैसे दृष्टि होती है वैसा ही दृश्य दीखता है। सच्चे साधु को प्रायः सभी साधु दिखाई पड़ते हैं।* चोर को चोर दीखते हैं, कामी को सब कामी और लोभी को लोभी ही दिखते हैं। 🌴 🌳 🌹 🎋 🍃 *बुरे वातावरण में रहते-रहते चित्त बुरा हो जाता है, फिर उसमें बुरे संकल्प उठते हैं।* जिसके चित्त में बुरे संकल्प उठते हैं। उसके सामान दुखी तथा अपराधी और कौन होगा। क्योंकि वह अपने चित्त के बुरे संकल्पों को जगत में फैला कर दूसरों को भी बुरा बनाता है।
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